आप तो सब्दों की जादूगर हैं , लेकिन तूलिका की जादूगरी भी कम नहीं है । राधा की समूची वेदना मुखमण्डल पर उतर आई है । बहुत बहुत बधाई भावना जी ऽअप शब्दों और रंगो का सुअन्दर्य बेखेरती रहें ।
मुझे साहित्य से बहुत प्यार है। साहित्य की वादियों में ही भटकते रहने को मन करता है। ज्यादा जानती नहीं हूँ पर मेरे अन्तःकरण में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो कभी तो आत्ममंथन करती हैं और कभी शब्दों में ढलकर रचनाओं का रूप ले लेती हैं। वही सब आपके साथ बाँटना चाहूँगी।
3 comments:
आप तो सब्दों की जादूगर हैं , लेकिन तूलिका की जादूगरी भी कम नहीं है । राधा की समूची वेदना मुखमण्डल पर उतर आई है । बहुत बहुत बधाई भावना जी ऽअप शब्दों और रंगो का सुअन्दर्य बेखेरती रहें ।
बहुत सुन्दर चित्रकारी..वाह!!
bhaavnaa jee.
its realy art...
- vijay
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