भावना जी, भारत से बाहर रहकर भी आपके दिल में भारत पूरी लय लय के साथ धड़क रहा है...यह सुखद है... सारी कलाकृतियाँ देखकर मन प्रसन्न हुआ...चाहे वो ब्रह्माण्ड नायक भगवान श्रीकृष्ण जी की पेंटिंग हो या ’माँ..तुझे सलाम’ का चित्र...सभी में से कहीं-न कहीं भारत ही तो झाँक रहा है!
मुझे साहित्य से बहुत प्यार है। साहित्य की वादियों में ही भटकते रहने को मन करता है। ज्यादा जानती नहीं हूँ पर मेरे अन्तःकरण में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो कभी तो आत्ममंथन करती हैं और कभी शब्दों में ढलकर रचनाओं का रूप ले लेती हैं। वही सब आपके साथ बाँटना चाहूँगी।
5 comments:
बहुत सुन्दर चित्रकारी की है और स्लाईड शो पसंद आया. बधाई इस नये ब्लॉग के लिये.
Hello,
I really liked all of your paintings. I am also a regular visitor of your Hindi blog.
Keep blogging.
Cheers,
Neeraj
June 27, 2007
बहुत खूबसूरत जितनी तारीफ़ की जाये कम है...
Oh my God, very beautiful.......
भावना जी,
भारत से बाहर रहकर भी आपके दिल में भारत पूरी लय लय के साथ धड़क रहा है...यह सुखद है... सारी कलाकृतियाँ देखकर मन प्रसन्न हुआ...चाहे वो ब्रह्माण्ड नायक भगवान श्रीकृष्ण जी की पेंटिंग हो या ’माँ..तुझे सलाम’ का चित्र...सभी में से कहीं-न कहीं भारत ही तो झाँक रहा है!
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